प्रभु के दरबार में लगा रहा भक्तों का तांता
ठिठुरती ठंड में पांच वर्ष के ‘बालक राम’ अनवरत 18 घंटे बिना विश्राम भक्तों को दर्शन देते रहे। अपने नव्य मंदिर में विराजने के तीसरे दिन सबके आराध्य तड़के चार बजे निद्रा से जागे तो फिर रात 10 बजे के बाद ही शयन के लिए प्रस्थान किया। आरती व भोग के दौरान भी नृत्य, रंग और गूढ़ मंडप में मौजूद दर्शनार्थियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा।