November 4, 2025

अगर फौज का सिपाही नहीं होता तो विधायक-मंत्री भी नहीं होता- गणेश जोशी

0
IMG-20251103-WA0035

देहरादून- उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कृषि, ग्राम्य विकास एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पृथक राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की अहम भूमिका का स्मरण करते हुए राज्य निर्माण के सभी आंदोलकारियों और बलिदानियों को नमन किया।

मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि “अगर मैं फौज का सिपाही नहीं होता तो आज विधायक और मंत्री भी नहीं होता। मेरी पृष्ठभूमि सेना से रही है और उसी अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति की भावना के साथ मैं जनसेवा कर रहा हूँ।”

उन्होंने राज्य स्थापना के 25 वर्षों में सैनिक कल्याण विभाग की उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2000 में विभाग का बजट मात्र ₹4.26 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹80.50 करोड़ हो गया है — यानी लगभग 19 गुना वृद्धि। यह केवल संख्यात्मक उपलब्धि नहीं, बल्कि शहीदों और उनके परिवारों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

मंत्री जोशी ने बताया कि राज्य गठन के समय विभाग में 1,36,000 पूर्व सैनिक एवं आश्रित पंजीकृत थे, जो अब बढ़कर 1,92,000 हो गए हैं — इसमें 41 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं, सैनिक विश्राम गृहों की संख्या भी 18 से बढ़कर 36 हो गई है, जो हमारे वीर सैनिकों के सम्मान और सुविधाओं के प्रति सरकार की गंभीरता दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि परमवीर चक्र विजेताओं को दी जाने वाली एकमुश्त अनुदान राशि को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹1.50 करोड़ कर दिया गया है — यह 75 गुना वृद्धि है। इसी प्रकार, वर्ष 2014 से शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुदान राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर अब ₹50 लाख कर दी गई है, जो 5 गुना वृद्धि है।

कृषि और ग्रामीण विकास पर बोलते हुए मंत्री जोशी ने कहा कि “सशक्त किसान, सशक्त उत्तराखंड हमारा मूल मंत्र है।” उन्होंने बताया कि बीते पच्चीस वर्षों में सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन और सहकारिता विभाग एकजुट होकर किसानों की समृद्धि के लक्ष्य की दिशा में कार्य कर रहे हैं। मंत्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड का गौरव उसके सैनिक और किसान हैं, और सरकार दोनों वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed