July 30, 2025

जिला योजना समिति की बैठक में ₹68.57 करोड़ की योजनाएं अनुमोदित

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देहरादून- एनएचपीसी अतिथि गृह सभागार में जिला योजना समिति की बैठक जनपद प्रभारी मंत्री एवं उत्तराखंड सरकार की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए कुल ₹68 करोड़ 57 लाख 10 हजार (₹6857.10 लाख) की वार्षिक जिला योजना को अनुमोदित किया गया।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि यह बजट गत वर्ष ₹5836.10 लाख की तुलना में ₹1022 लाख अधिक है, जो लगभग 17% वृद्धि को दर्शाता है। इस वर्ष कुल 33 विभागों द्वारा प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य, सिंचाई, स्वास्थ्य, पर्यटन, शिक्षा, खेल, पेयजल, बाल विकास, लोनिवि आदि प्रमुख रहे।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रस्तावों में स्वरोजगार, पूंजीगत निर्माण और अधूरे कार्यों की पूर्णता को प्राथमिकता दी गई है। अधिकांश योजनाओं को आगामी दो वर्षों के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों के सुझावों एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं।

चंपावत को आदर्श जिला बनाने की दिशा में यह योजना एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस बार योजना में धनराशि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो विकास के समावेशी मॉडल को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

*बैठक को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पूर्व के लंबित व्ययों, पीआरडी जवानों की वेतन व्यवस्था, जल संस्थान और जल निगम के ऑपरेटरों के वेतन को भी स्वीकृति दी गई है।”*

उन्होंने *कहा कि उद्यान विभाग के अंतर्गत कीवी उत्पादन को बढ़ावा देना, पर्यटन के विस्तार, स्वरोजगार के अवसरों को सृजित करना तथा स्वास्थ्य विभाग के पीएचसी में डिलीवरी सेंटरों को सुदृढ़ और विस्तारित करना जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया है*।

उन्होंने कहा “लगभग ₹68 करोड़ की यह जिला योजना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है।

इससे न केवल स्वरोजगार, पर्यटन, कृषि, पशुपालन, महिला सशक्तिकरण व सहकारिता विभाग की योजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि ऐसे कार्य भी पूरे होंगे जिन्हें दो वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ-साथ काम पूरा होने की समय बढ़ता भी सुनिश्चित की जाए।
प्रभारी मंत्री ने विशेष रूप से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिजली विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों की पहचान कर प्राथमिकता से उनमें विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने स्वरोजगार आधारित योजनाओं को गति देने पर बल देते हुए कहा कि इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और जनपद की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी।

वित्तीय स्वीकृति के अंतर्गत –सामान्य मद में ₹47.70 करोड़, विशेष घटक उपयोजना (SCSP) में ₹20.42 करोड़, जनजातीय उपयोजना (TSP) में ₹44.30 लाख का परिव्यय अनुमोदित किया गया।

*विभागवार अनुमोदन*

कृषि: ₹2.91 करोड़,
उद्यान: ₹2.41 करोड़,
पशुपालन: ₹1.58 करोड़,
मत्स्य पालन: ₹1.59 करोड़,
राजकीय सिंचाई: ₹2.25 करोड़,
निजी लघु सिंचाई: ₹97 लाख,
लोक निर्माण विभाग : ₹14.16 करोड़,
पर्यटन: ₹3.10 करोड़,
खेल: ₹99 लाख,
युवा कल्याण: ₹6 करोड़,
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: ₹1.31 करोड़,
जल संस्थान: ₹6.33 करोड़,
पेयजल निगम: ₹1.12 करोड़,
बाल विकास: ₹68 लाख,
माध्यमिक शिक्षा: ₹2 करोड़,
प्राथमिक शिक्षा: ₹1.30 करोड़,
उरेडा: ₹1.75 करोड़,
नलकूप: ₹2.46 करोड़,
डेरी विकास: ₹1.08 करोड़

 

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