December 26, 2024

भ्रष्टाचारियों पर काल बनकर टूट रही धामी सरकार की विजिलेंस, तीन साल में रिकॉर्ड 63 भ्रष्टाचारियों को भेजा जेल

0
dhami__1681830784-e1719411667196.jpg

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर खरा उतर रही है। खासकर भ्रष्टाचारियों पर धामी सरकार की कार्रवाई काल बनकर टूट रही है। यही कारण है कि राज्य की सत्ता संभालने के बाद से अब तक धामी सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साल के भीतर रिकॉर्ड 54 ट्रैप कर 63 अधिकारियों और कर्मचारियों को सलाखों के भीतर डाला है। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई को लेकर धामी सरकार का साफ संदेश है कि भ्रष्टाचार करने वाला छोटा हो या बड़ा सब की जगह सलाखों के भीतर है। इसके उदाहरण धामी राज में जेल गए आईएएस और आईएफएस अधिकारी हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जुलाई 2021 में राज्य की पहली बार कमान संभाली है। इसी दौरान मुख्यमंत्री धामी ने साफ सदेश दिया था कि भ्रष्टाचारी छोटा हो या बड़ा, सभी की जगह जेल है। सरकार की इस मंशा पर विजिलेंस महकमा भी आगे बढ़ा और मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर टोल फ्री नम्बर 1064 और एप लॉन्च किया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी ने विजिलेंस विभाग की करीबी से मॉनिटरिंग की गई। नतीजन, भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई होने लगी। इसी साल 2024 में अब तक 16 ट्रैप और 21 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है। इनमें दो बड़े अफसर और 19 कर्मचारी शामिल हैं। यही नहीं 2023 में भी 18 ट्रैप में 20 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया। जबकि 2022 में 14 ट्रैप में 15 तो 2021 में 6 ट्रैप में 7 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के भीतर डाला गया है। मुख्यमंत्री धामी ने भ्रष्टाचारियों की कमर इस कदर तोड़ी की भ्रष्टाचार से घिरे पूर्व आईएएस राम विलास यादव से लेकर आईएफएस आरवीएस रावत, किशनचंद से लेकर कई पीसीएस, पुलिस और इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों को भी सलाखों के भीतर जाना पड़ा। अभी भी कई भ्रष्टाचारियों की कुंडली विजिलेंस खंगाल रही है। मुख्यमंत्री धामी का साफ कहना हैं कि भ्रष्टाचारी कितनी बड़ी पहुंच रखता हो, लेकिन कानून से बच नहीं पाएगा। यह वायदा भी उन्होंने राज्य की कमान संभालने के बाद जनता से किया है। इसी का परिणाम है कि आज धामी की विजिलेंस भ्रष्टाचारियों पर काल बनकर टूट रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed